7-mar-2021 FORCE-TODAY Volunteer's team मैं दर्द कुबूल करती हूं, तुम सजा कुबूलो [महिला अधिकार] देश की सर्वोच्च अदालत ने कुछ ऐसी ही बात कह डाली जो एक झटके में बराबरी की मांग को चुटकुला बनाकर रख देती है। अदालत ने बलात्कार के आरोपी से पूछा कि क्या वो पीड़िता से शादी करने को राजी है? कहानी कुछ यूं है- साल 2014 में 23 साल के सुभाष चवण नाम के शख्स ने 16 साल की बच्ची से जबर्दस्ती की। डरी हुई बच्ची खुदकुशी के मुहाने पर पहुंच गई, तब जाकर बात सामने आ सकी। केस दर्ज हुआ और मामला निचली अदालत से होते हुए सर्वोच्च अदालत तक पहुंच गया। यहीं पर वो 'ऐतिहासिक' बातचीत हुई, जो औरतों को उनकी असल जगह दिखाती है। माननीय जज ने दोषी से दरयाफ्त करते हुए उसे अब बालिग हो चुकी युवती से शादी करने को कहा। दोषी ने इस पर अपनी मजबूरी जताते हुए बताया कि उसकी शादी हो चुकी है, वरना वो ऐसा कर लेता। अदालती लतीफा इसके बाद भी जारी रहा और सुप्रीम कोर्ट जैसी संस्था में खड़ा वकील अपने मुवक्किल के बचाव में ये दलील दे सका कि सजा से उसकी सरकारी नौकरी पर दाग लग जाएगा। अब महि...